शुक्रवार, 18 जून 2010

है बात बड़ी सीधी सी मगर.......................

है बात बड़ी सीधी सी मगर कुछ लोग न जाने कब समझें |
हर बात में कुछ तो बात छुपी ये बात न जाने कब समझें ||

हर रिश्ते के पीछे सौदा हर रिश्ता ही अब सौदा है |
हर इन्सां कितना बदल गया ये बात न जाने कब समझें ||

मेहनत किस्मत की बातों में न जाने कब से उलझे हो |
किस्मत के पीछे मेहनत है ये बात न जाने कब समझें ||

सब लोग पराये लगते है दिल में बोये कितने कांटे |
हर रिश्ता है पहचान नई ये बात न जाने कब समझें ||

लोगों को मिलने जुलने का बस एक बहाना काफी है |
तेरे प्यार में इतनी कशिस तो हो ये बात न जाने कब समझें |

शुक्रवार, 11 जून 2010

देखूं जो चेहरा तेरा ..............

देखूं जो चेहरा तेरा
धुल जाये मन ये मेरा
तू आब है या आग है
तुझ में है नूर मेरा
बारिश की खुशबू में तू
दिल की हर धड़कन में तू
तू है कोई अप्सरा .................
तेरी बात ही कुछ खास है
तू लगे हमेशा पास है
तू है इस जहाँ से जुदा .................
तेरी हर एक हंसी पे मिट जाऊं
इन कदमों में जमाना झुकाऊँ
इतना सा ख्वाब मेरा .......................
जब सज कर के तू निकले
हर दीवाने का दिल मचले
तेरा हर पल करूँ सजदा ..........
देखूं जो चेहरा तेरा
धुल जाये मन ये मेरा

शुक्रवार, 4 जून 2010

बड़ा हुआ हैरान चाँद जब घर आया

बड़ा हुआ हैरान चाँद जब घर आया .

अपने पंखों को आंगन में फैलाया

चाहत को बांटा है तुमने सदियों से

खूब सुनी है तेरी कहानी परियों से

सब बच्चों की जुबां पे तेरा नाम है प्यारे

हर रिश्ते से तुमसे सरे रिश्ते न्यारे ,....................

बड़ा हुआ हैरान चाँद जब घर आया

बादल से खेली है तुमने आंख मिचोली

देखा बहुत चकोर मगर न सजी है डोली

कभी तो छोटे और कभी बड़े हो जाते हो

हमें हमारा बचपन याद दिलाते हो

बड़ा हुआ हैरान चाँद जब घर आया .................

अपने पंखों को आंगन में फैलाया