गुरुवार, 19 अगस्त 2010

सावन आयो रे ......

सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
दूर दूर से आईं सहेलियां
दिल के राज सुनावें
ढूंढ़ रहीं है बिछड़े प्रेमी
मन ही मन हर्षावें ...........
सावन आयो रे .......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
हाथों पर मेहदी है सज गयी
होठों पर है लाली
महक रहीं है फिजा घटायें
झूमे डाली डाली
सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
घिर घिर आवें कारे बदरा
जिअरा को डर पावें
नाचत मोर मयूर झूम कर
कोयल गीत सुनावें
सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
खेतों में लहलाती फसलें
दिल के तार बजावें
चूल्हे पर है चढ़ीं सेंवैयाँ
मनवा को तरसावें........
सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
डाल डाल पर पड़े है झूले
झूलें सखियाँ सारी
हरी हरी चूड़ी है खनकी
शोभा है अति प्यारी
सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के

बुधवार, 21 जुलाई 2010

हम आये है तोहरे द्वार ओ राजा

हम आये है तोहरे द्वार राजा

लीजो खबरिया हमार.......................

बरसों से अँखियाँ है सूखीं

किस्मत जैसे हम से रूठी

करि- करि तुम्हारी याद - ओ राजा

लीजो खबरिया हमार ....................

जियरा मोरा एसे धडके

जल बिन मछली जैसे तडपे

ऑंखें गयीं पथराय ..... ओ राजा

लीजो खबरिया हमार ....................

तुम दुनियां में एसे उलझे

समझ के मोरा दर्द ना समझे

दिल से दियो बिसराय -ओ राजा

लीजो खबरिया हमार ....................

हम आये है तोहरे द्वार राजा

लीजो खबरिया हमार.......................

शुक्रवार, 18 जून 2010

है बात बड़ी सीधी सी मगर.......................

है बात बड़ी सीधी सी मगर कुछ लोग न जाने कब समझें |
हर बात में कुछ तो बात छुपी ये बात न जाने कब समझें ||

हर रिश्ते के पीछे सौदा हर रिश्ता ही अब सौदा है |
हर इन्सां कितना बदल गया ये बात न जाने कब समझें ||

मेहनत किस्मत की बातों में न जाने कब से उलझे हो |
किस्मत के पीछे मेहनत है ये बात न जाने कब समझें ||

सब लोग पराये लगते है दिल में बोये कितने कांटे |
हर रिश्ता है पहचान नई ये बात न जाने कब समझें ||

लोगों को मिलने जुलने का बस एक बहाना काफी है |
तेरे प्यार में इतनी कशिस तो हो ये बात न जाने कब समझें |

शुक्रवार, 11 जून 2010

देखूं जो चेहरा तेरा ..............

देखूं जो चेहरा तेरा
धुल जाये मन ये मेरा
तू आब है या आग है
तुझ में है नूर मेरा
बारिश की खुशबू में तू
दिल की हर धड़कन में तू
तू है कोई अप्सरा .................
तेरी बात ही कुछ खास है
तू लगे हमेशा पास है
तू है इस जहाँ से जुदा .................
तेरी हर एक हंसी पे मिट जाऊं
इन कदमों में जमाना झुकाऊँ
इतना सा ख्वाब मेरा .......................
जब सज कर के तू निकले
हर दीवाने का दिल मचले
तेरा हर पल करूँ सजदा ..........
देखूं जो चेहरा तेरा
धुल जाये मन ये मेरा

शुक्रवार, 4 जून 2010

बड़ा हुआ हैरान चाँद जब घर आया

बड़ा हुआ हैरान चाँद जब घर आया .

अपने पंखों को आंगन में फैलाया

चाहत को बांटा है तुमने सदियों से

खूब सुनी है तेरी कहानी परियों से

सब बच्चों की जुबां पे तेरा नाम है प्यारे

हर रिश्ते से तुमसे सरे रिश्ते न्यारे ,....................

बड़ा हुआ हैरान चाँद जब घर आया

बादल से खेली है तुमने आंख मिचोली

देखा बहुत चकोर मगर न सजी है डोली

कभी तो छोटे और कभी बड़े हो जाते हो

हमें हमारा बचपन याद दिलाते हो

बड़ा हुआ हैरान चाँद जब घर आया .................

अपने पंखों को आंगन में फैलाया

सोमवार, 31 मई 2010

रौशनी रौशनी......................

रौशनी रौशनी हर तरफ रौशनी
गाँव में रौशनी शहर में रौशनी
रौशनी रौशनी हर तरफ रौशनी .............
पर दिलों में अभी तक अँधेरा
जाने कब हो मिलन का सबेरा
ख्वाब है रौशनी हकीकत रौशनी .... रौशनी रौशनी ...
है गुजारिश बस ये खुदा से
वो सलामत रहें इस दुआ से
यादों में रौशनी वादों में रौशनी ....रौशनी रौशनी ...
इस जुबां पर अभी भी है ताले
ऑंखें करती है चंचल इशारे
दुआ में रौशनी फिजा में रौशनी ...रौशनी रौशनी ..
तेरी तस्वीर आँखों पे छाई
और डसने लगी तन्हाई
चाँद पर रौशनी जमीं पर रौशनी
रौशनी रौशनी हर तरफ रौशनी
गाँव में रौशनी शहर में रौशनी