है बात बड़ी सीधी सी मगर कुछ लोग न जाने कब समझें |
हर बात में कुछ तो बात छुपी ये बात न जाने कब समझें ||
हर रिश्ते के पीछे सौदा हर रिश्ता ही अब सौदा है |
हर इन्सां कितना बदल गया ये बात न जाने कब समझें ||
मेहनत किस्मत की बातों में न जाने कब से उलझे हो |
किस्मत के पीछे मेहनत है ये बात न जाने कब समझें ||
सब लोग पराये लगते है दिल में बोये कितने कांटे |
हर रिश्ता है पहचान नई ये बात न जाने कब समझें ||
लोगों को मिलने जुलने का बस एक बहाना काफी है |
तेरे प्यार में इतनी कशिस तो हो ये बात न जाने कब समझें |
हर रिश्ते के पीछे सौदा हर रिश्ता ही अब सौदा है |
जवाब देंहटाएंBahut khub.
प्रशंसनीय ।
जवाब देंहटाएंलोगों को मिलने जुलने का बस एक बहाना काफी है |
जवाब देंहटाएंतेरे प्यार में इतनी कशिस तो हो ये बात न जाने कब समझें
bahut hi sundar .badhai!
मेहनत किस्मत की बातों में न जाने कब से उलझे हो |
जवाब देंहटाएंकिस्मत के पीछे मेहनत है ये बात न जाने कब समझें ||
बहुत खूब ... सच कहा है ...
सिंह साहब ! एक गंभीर विषय को बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया है. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंमेहनत किस्मत की बातों में न जाने कब से उलझे हो |
जवाब देंहटाएंकिस्मत के पीछे मेहनत है ये बात न जाने कब समझें ||
bahut khoob ji.....