गुरुवार, 19 अगस्त 2010

सावन आयो रे ......

सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
दूर दूर से आईं सहेलियां
दिल के राज सुनावें
ढूंढ़ रहीं है बिछड़े प्रेमी
मन ही मन हर्षावें ...........
सावन आयो रे .......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
हाथों पर मेहदी है सज गयी
होठों पर है लाली
महक रहीं है फिजा घटायें
झूमे डाली डाली
सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
घिर घिर आवें कारे बदरा
जिअरा को डर पावें
नाचत मोर मयूर झूम कर
कोयल गीत सुनावें
सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
खेतों में लहलाती फसलें
दिल के तार बजावें
चूल्हे पर है चढ़ीं सेंवैयाँ
मनवा को तरसावें........
सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के
डाल डाल पर पड़े है झूले
झूलें सखियाँ सारी
हरी हरी चूड़ी है खनकी
शोभा है अति प्यारी
सावन आयो रे ......
गाओ रे सखी री झूम झूम के

6 टिप्‍पणियां:

  1. bahut khoobsurat varnan .sach sawan ke mausam aate hi hariyaali aur umange fail jaati hai har taraf .sundar ,badhiya

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  2. हाथों पर मेहदी है सज गयी
    होठों पर है लाली
    महक रहीं है फिजा घटायें
    झूमे डाली डाली
    सावन आयो रे ..
    sundar

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  3. सावन आयो रे ......
    गाओ रे सखी री झूम झूम के
    दूर दूर से आईं सहेलियां
    दिल के राज सुनावें
    ढूंढ़ रहीं है बिछड़े प्रेमी
    मन ही मन हर्षावें ...........
    सावन आयो रे .......
    BAHUT HEE SUNDAR RACHNA ..MAJA AA GYA PADHKAR ..

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