प्यार के रंग में ऐसी डूबी,
रंग लगे सब फीके |
प्यार में जीत के मै तो हारी,
हार के तुम हो जीते ||
मोहे पिया बिन चैन न आवे
कोई जाये उन्हें ढूंढ़ लावे
(1)
जा बैरन निदिया ना टूटी
किस्मत मेरी हमसे रूठी
चले गए परदेश सजनवा
प्रीत लगा कर झूठी
कोई उनका पता बतावे
कोई जाये उन्हें ढूंढ़ लावे
(2)
दरवाजे तुम बैरी मेरे
नहीं लगाये तुमने पहरे
जीवन भर जो दर्द करेंगे
घाव दिए है गहरे
कोई इस दिल को समझावे
कोई जाये उन्हें ढूंढ़ लावे
(3)
राहों तुमने भी ना रोका
जाते भी ना उनको देखा
देकर हम को धोखा
मोहे रात को नीद ना आवे
कोई जाये उन्हें ढूंढ़ लावे
Dear Pintoo
जवाब देंहटाएंक्या मुखड़ा है.....जितनी तारीफ करूँ उतनी कम...!!!!
किसी भाव आवेश में नहीं कह रहा हूँ सच है कि कमाल का लिख रहे हो.....!
प्यार के रंग में ऐसी डूबी,
रंग लगे सब फीके |
प्यार में जीत के मै तो हारी,
हार के तुम हो जीते ||
मोहे पिया बिन चैन न आवे
कोई जाये उन्हें ढूंढ़ लावे
बहुत उम्दा ............... लाजवाब !
सारे अंतरे अच्छे- मनभावन- गेय बन पड़े हैं ....!
जा बैरन निदिया ना टूटी
किस्मत मेरी हमसे रूठी
चले गए परदेश सजनवा
प्रीत लगा कर झूठी
कोई उनका पता बतावे
कोई जाये उन्हें ढूंढ़ लावे
बहुत ढेर सारा प्यार.....!